| 1. | “ला इलाहा इल्लल्लाह” और “मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह” का इक़रार करना
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| 2. | 6-दिली ईमान की निशानी ज़बान से ज़ाहिर और इक़रार करना है।
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| 3. | 6-दिली ईमान की निशानी ज़बान से ज़ाहिर और इक़रार करना है।
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| 4. | अल्लाह पर ईमान लाना और उसका इक़रार करना उसकी पहचान की बुनियाद पर होना चाहिये।
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| 5. | मुश्रेकीन के बीच अह्द व पैमान नमाज़ के वुजूब का इक़रार करना है, अतः जिसने उसके वाजिब
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| 6. | इस बात में कोई शक नहीं कि इस का इक़रार करना और आस्था रखना या उस पर सहमत
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| 7. | जज़्बा-ऐ-मोहब्बत का इज़हार करना सीखिए, दे दिया जो दिल तो इक़रार करना सीखिए ।
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| 8. | स्वामी दयानन्द की इस कसौटी पर परखने से इस बात का अफ़सोस से इक़रार करना पड़ता है कि वेद भी आलिमों की किताब साबित नहंी होते।
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| 9. | इस बात में कोई शक नहीं कि इस का इक़रार करना और आस्था रखना या उस पर सहमत या प्रसन्न होना कुफ्र और पथ भ्रष्टता है ;
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| 10. | या हमारे और उन मुश्रेकीन के बीच अह्द व पैमान नमाज़ के वुजूब का इक़रार करना है, अतः जिसने उसके वाजिब होने का इनकार कर दिया उसने कुफ्र किया।
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